हम इसकी शिकायत लेकर नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) में जाते तो हमारी शिकायतें रद्दी में डाल दी जाती थीं. हमारी कोई सुनने वाला नहीं था, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हमारी सुनी भी और हमे राहत भी दी है.
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