दिल्ली और दक्षिण भारत के दो शहरों में 3000 से अधिक स्कूली बच्चों के फेफड़ों के स्वास्थ्य को लेकर किये गये अध्ययन में उनमें अस्थमा, एलर्जी एवं बालपन में मोटापे के लक्षण पाये गये. इस अध्ययन का प्राथमिक लक्ष्य दिल्ली के निजी विद्यालयों में अध्ययनरत 13-14 और 16-17 साल के किशोरवय विद्यार्थियों के श्वसन स्वास्थ्य का आकलन करना तथा उसका प्रदूषण के लिहाज से अपेक्षाकृत स्वच्छ शहरों-- केरल के कोट्टायम एवं कर्नाटक के मैसुरू के संबंधित वर्गों के विद्यार्थियों के स्वास्थ्य से तुलना करना था.
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