महिला याचिकाकर्ता का आरोप है कि मंदिर के नाम पर हर साल समर्पण राशि के तौर पर 5,000 रुपये लिए जाते रहे हैं. हाल ही में इस राशि को बढ़ाकर 15,000 कर दिया गया. इस राशि के अतिरिक्त अब स्कूल के प्रधानाध्यापकों और कर्मचारियों को 70 हजार से 1 लाख रुपये की बड़ी रकम जुटाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के लिए 17 दिसंबर की तारीख तय करते हुए नोटिस जारी किया है
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