इन मामलों की अगर बात करें तो सबसे ज्यादा बेहतर कार्य केन्द्रीय जांच एजेंसी ईडी (ED) जांच एजेंसी का रहा. जिसके द्वारा उचित कार्रवाई करके आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया और देश -विदेश में अवैध तौर पर अर्जित संपत्तियों को अटैच करके, उसके बाद कोर्ट में तमाम दस्तावेजों, सबूतों के आधार पर अंतिम तौर पर उस अवैध संपत्तियों को जब्त करके उसकी निलामी प्रकिया के बाद प्राप्त पैसों को वापस उस बैंक को लौटा दिया गया जहां से आरोपी कारोबारियों द्वारा फर्जीवाडे को अंजाम दिया गया था.
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