चुनाव प्रचार के दौरान एक बड़ी ही रंग बिरंगी, कल्पनाशील ग्रामीण जिंदगी से रूबरू होने का मौका मिला. पहली बार जाना कि हाथ में कुछ ना भी हो, कोई भी संसाधन न हो, तब भी इंसान की कल्पना शीलता उसके जीवन में कुछ रंग तो भर ही सकती है. प्रचार के ...
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