एपीसीआर (APCR) की रिपोर्ट बताती है कि विरोध-प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के लिए 500 से ज्यादा लोगों को वसूली नोटिस भेज गए. वो भी बिना किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए. 10 जिलों में अनुमानित 3.55 करोड़ रुपये के नुकसान के लिए मनमाने ढंग से यह नोटिस जारी किए गए थे. इन्हीं नोटिस (Notice) को खारिज करने के लिए हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इन्हें अवैध और असंवैधानिक करार देते हुए यूपी की सरकार (UP Government) को एक आदेश जारी किया है.
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