महाशिवरात्रि के मौके पर हजारों भक्त मंदिर में आते हैं और अधिकांश भक्त पूरे दिन उपवास करके भगवान शिव के लिए अपना प्रेम दिखाते हैं. मंदिर में स्थित मूर्तियों की फूलों और पत्तियों से पूजा की जाती है और दूध से स्नान कराया जाता है. लिंगराज को भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों के रूप में पूजा जाता है. इसलिए इसे वैष्णववाद, हिंदू धर्म और शैववाद के बीच सामंजस्य कहा जा सकता है.
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