कप्पन की बेटी ने अपना स्वतंत्रता दिवस भाषण सोमवार 15 अगस्त को कुछ इस तरह से शुरू किया, ‘मैं मेहनाज़ कप्पन हूं. एक पत्रकार की बेटी हूं, मेरे पिता को सभी भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध बुनियादी नागरिक अधिकारों से वंचित करके सलाखों के पीछे डाल दिया गया है.’
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