Shankracharya Swami Swaroopanand Saraswati : सिवनी जिले के दिघोरी गांव में जन्मे और बचपन से ही श्रीधाम गोटेगांव स्थित झोतेश्वर धाम को तपोस्थली बनाने वाले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती देश के स्वाधीनता आंदोलन में भी शामिल हुए. वो दो बार जेल भी गए. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कर्म पथ के साथ धर्म पथ के सिद्धांत को प्रतिपादित किया. उनके लाखों अनुयायी देश विदेश में हैं. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के महाप्रयाण पर हर आंख नाम और हृदय व्यथित है.
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