कचौड़ी बेचने वाले सोनू जैन ने बताया कि 50 साल पहले उनके पिता पातीराम जैन यहीं पर छोटी कचौड़ी का ठेला लगाते थे. उनके बाद मैंने भी छोटी कचोरी व समोसे का ठेला लगाना शुरू किया. इस छोटी कचौड़ी की खासियत है कि यह सरसों के तेल में बनता है. वो स्वाद के शौकीनों को हरी चटनी व मीठी चटनी के साथ छोटी कचौड़ी बेचते हैं
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